25 जून 2014 - 19:29
सुन्नी उल्मा का बयानः अमरीका सीरिया में हुई हार का बदला इराक़ से लेना चाहता है

इस्लामी रिपब्लिक ईरान के हुरमुज़गान प्रदेश के सुन्नी उल्मा नें इराक़ में दाइश के हाथों बेगुनाह जनता के नरसंहार पर कड़ा रुख़ दिखाते हुए कहा है कि इराक़ में आतंकवादियों की मौजूदगी अमरीका की एक और प्लानिंग है जिसके द्वारा वह सीरिया में मिली हार का बदला इराक़ से लेना चाहता है।

इस्लामी रिपब्लिक ईरान के हुरमुज़गान प्रदेश के सुन्नी उल्मा नें इराक़ में दाइश के हाथों बेगुनाह जनता के नरसंहार पर कड़ा रुख़ दिखाते हुए कहा है कि इराक़ में आतंकवादियों की मौजूदगी अमरीका की एक और प्लानिंग है जिसके द्वारा वह सीरिया में मिली हार का बदला इराक़ से लेना चाहता है।
रिपोर्ट के अनुसार ईरान के हुरमुज़गान के सुन्नी उल्मा शेख़ अब्दुल रहीम क़ताली, शेख़ अक़ील शेख़ रही, शेख़ हुसैन बाज़मंदगान, शेख़ मसूद रहबर और शेख़ याक़ूब शमसी नें अपने अलग अलग बयान में इराक़ में दाइश के हाथों बेगुनाह जनता के नरसंहार की कड़े शब्दों में आलोचना करते हुए कहा है कि इराक़ में आतंकवादियों की मौजूदगी अमरीका की एक और प्लानिंग है जिसके द्वारा वह सीरिया में मिली हार का बदला इराक़ से लेना चाहता है।
उल्मा के अनुसार इराक़ में जारी हिंसा इस्लाम के दुश्मनों की एक और नापाक योजना है जिसके अन्तर्गत वह क्षेत्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इस्लामी दुनिया को कमज़ोर करना चाहता है।
धार्मिक लीडरों नें अपने बयान में कहा है कि मुसलमानों को दुश्मनों की नापाक साज़िशों से होशियार रहने की ज़रूरत है और मुसलमानों को फ़साद का बीज बोने की इजाज़त किसी भी सूरत से नहीं देनी चाहिये।

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